Wednesday 19 February 2020

इकाई योजना एवं दैनिक शिक्षण योजना (पाठ योजना) की महत्व एवं उद्देश्य:-

इकाई योजना एवं दैनिक शिक्षण योजना (पाठ योजना) की महत्व एवं उद्देश्य:-

इकाई योजना-
’’ इकाई शब्द को शिक्षा के क्षेत्र में लाने का श्रेय प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री हरबर्ट’’ को हैं।

।. एन.एल. वाॅसिंग के अनुसार – ’’इकाई अर्थ पूर्ण परस्पर संबंधित क्रियाओं की वह व्यापक शृंखला हैं। जो विकसित होकर बालकों के उद्देश्यों की पूर्ति करती है। जिसे बालक महत्त्वपूर्ण शैक्षिक अनुभव प्राप्त कर सके और अपने व्यवहारों से वांछित परिवर्तन ला सके।’’

।।. माॅरिसन के मतानुसार – ’’इकाई वातावरण संगठित विज्ञान, कला या आचरण का वह महत्त्वपूर्ण अंग है जिसे सीखने के फलस्वरूप व्यक्तिगत में सामंजस्य आ जाता है।’’


इकाई योजना के कारण –
1. इकाई योजना के प्रारंभ में कक्षा, विभाग, विषय, इकाई का नाम, कालांशों की संख्या, दिनांक की पूर्ति करना है।
2. इकाई योजना से सम्बन्धित प्राप्त उद्देश्यों एवं आपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तनों को लिख देना चाहिए।
3. इकाई से सम्बन्धित शिक्षण बिन्दुओं का विश्लेषण कर देना चाहिए।
4. अब छात्र एवं अध्यापक की शिक्षण क्रियाओं का निर्धारण करना चाहिए।
5. इसके बाद इकाई के अध्यापन का समय आवश्यक शिक्षण सामग्री का उल्लेख करना चाहिए।
6. बालकों में स्वाध्याय प्रवृत्ति के विकास हेतु दिये गये गृह कार्य का विवरण करना चाहिए।
7. उद्देश्यों प्राप्ति से व्यवहारगत परिवर्तन की जाँच हेतु मूल्यांकन विधि व जाँच पत्र का भी उल्लेख करना चाहिए।


इकाई योजना के प्रकार, महत्त्व व गुण –
इकाई योजना दो प्रकार की होती है- 1. पाठ्य वस्तु पर आधारित 2. अनुभव पर आधारित

1. पाठ्य-वस्तु पर आधारित योजना- ये तीन प्रकार की होती हैं –
(अ). प्रकरण पर आधारित – ये वे इकाई योजना है जो किसी प्रकरण या अध्याय पर आधारित होती है।
(ब). सिद्धान्त पर आधारित – ये किसी सूत्र-नियम या सिद्धान्त पर आधारित होती है।
(स). किसी मूल पहलू पर आधारित – बालकों को वातावरण तथा सांस्कृतिक व्यवहार व वास्तविक ज्ञान प्रदान करने हेतु वातावरण या संस्कृति के पहलू के आधार पर होता है।


2. अनुभव आधारित योजना – ये तीन प्रकार की होती है :-
(अ). रुचि पर आधारित – इस प्रकार की योजना बालकों की रुचि पर आधारित होती हैं।
(ब). उद्देश्य पर आधारित – इस प्रकार की योजना का उद्देश्य बालकों को जो प्राप्त करना होता है वह होता है।

(स). आवश्यकताओं पर आधारित – ऐसी इकाई योजना व्यक्तिगत शैक्षिक आवश्यकता पर बनायी जाती है।


पाठ योजना के उद्देश्य ( Lesson Plan objectives)

पाठ योजना के उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं-
1. कक्षा में शिक्षण की क्रियाओं तथा सहायक सामग्री की पूर्ण जानकारी कराना।
2. निर्धारित पाठ्य वस्तु के सभी तत्वों का विवेचन करना।
3. प्रस्तुतीकरण के क्रम तथा पाठ्य वस्तु के रूप में निश्चितता की जानकारी कराना।
4. कक्षा शिक्षण की समय शिक्षक के विस्मृति की संभावना कम होना।
5. शिक्षण अधिगम, सहायक सामग्री के प्रयोग के स्थल,शिक्षण विधि तथा प्रविधियों का निर्धारण करना।

प्रभावी पाठ योजना की विशेषताएं (Features of an Effective Lesson Plan)
1. प्रभावी पाठ योजना एक कक्षा में प्रयोग में आने वाली क्रिया की प्रस्तावित रुपरेखा है।
2. कक्षा में पाठ योजना विधिवत लिखित रूप में होनी चाहिए।
3. पाठ योजना में शिक्षण के उद्देश्यों का विवरण स्पष्ट व व्यावहारिक होता हैै।
4. पाठ योजना में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री का उल्लेख करना चाहिए जैस-चार्ट, ग्राफ, रेखागणित, माॅडल, स्लाइड, मानचित्र,फिल्म स्ट्रिप,स्लाइड आदि।
5. आदर्श पाठ योजना विद्यार्थियों की पूर्व ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए।
6. स्तरानुकूल पाठ आधुनिक विषय वस्तु होती है जो शिक्षण बिंदु या संप्रत्ययों के रूप में लिखी जाती है।
7. छात्रों के क्रिया-कलापों व अधिगम क्रियाओं का अच्छा ज्ञान होता है।8. नवीन ज्ञान एवं पूर्वज्ञान का सम्बन्ध होता है।
9. शिक्षक को यह आभास बना रहता है कि उसका शिक्षण कहाँ तक सार्थक रहा है।
10. पाठ योजना में पाठ की अवधि, कक्षा के स्तर, विषयवस्तु प्रकरण आदि सामान्य सूचना का उल्लेख रहता है।
11. पाठ योजना में व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखकर शिक्षण की व्यवस्था होती है।
12. पाठ को उचित सोपान में विभाजित कर देना चाहिए।
13. पाठ योजना में भाषा की सरलता स्पष्टता होनी चाहिए।
14. पाठ के लिए उपयुक्त शिक्षण विधि के प्रयोग की और संकेत किया जाना चाहिए।
15.विषय वस्तु का यथासंभव दूसरे विषय से समन्वय स्थापित होना चाहिए।
16. यथास्थान उदाहरणो का प्रयोग किया हुआ होना चाहिए।
17. पाठ योजना में सम्मिलित प्रश्नों में उपयुक्तता, सम्बन्धता और शृंखलाबद्धता होती है।
18. व्यक्तिगत विभिन्नताओ केआधार पर शिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
19. विकासात्मक तथा  विचारात्मक प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए।
20. पाठ की अवधि,कक्षा का स्तर,विषय वस्तु, प्रकरण आदि सामान्य सूचनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए।
21. छात्रों के लिए श्याम/पाठ का सारांश भी सम्मिलित होता है। ताकि मुख्य शिक्षण के बिन्दु जाने जा सके।
22. गृहकार्य की व्यवस्था होनी चाहिए।
23. छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्नों, पुनरावृत्ति प्रश्नों और अभ्यासों के प्रश्नों का विवरण रहता हैं।

पाठ योजना बनाते समय महत्वपूर्ण बिन्दु
  शिक्षण की कुशलता वह सफलता बहुत कुछ पाठ योजना के निर्माण पर निर्भर करती है अतः पाठ योजना बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
1. विद्यार्थियों की शारीरिक व मानसिक योग्यता व क्षमताओं को जान लेना चाहिए।
2. पाठ योजना निर्माण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन की जाने हेतु स्थान होना चाहिए।
3. पांच योजना बनाने से पहले विषय का गहन ज्ञान होना चाहिए।
4. पाठ योजना बनाते समय कक्षा-स्तर का ज्ञान अवश्य होना चाहिए।
5. एक अच्छी पाठ योजना बनाने के लिए शिक्षक को अपने विषय की गहन जानकारी की साथ अन्य सभी विषयों का सामान्य ज्ञान होना चाहिए।
6. प्रकरण को एक या अधिक सोपानों में विभाजित करना चाहिए।
7. सोपानो हेतु शिक्षण विधि या नीति का चयन करना चाहिए।
8. पाठ योजना में उद्देश्यों को सावधानीपूर्वक स्पष्ट रुप से लिखना चाहिए।
9. पांच योजना का निर्माण करते समय शिक्षक को समय का पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए।
10. शिक्षण सिद्धांतो,शिक्षण सूत्रों तथा शिक्षा विधियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए।
11. पाठ के लिए आवश्यक सामग्री का निर्धारण तथा इसके प्रयोग को सुनिश्चित कर लेना चाहिए।
12. विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की जानकारी शिक्षको होनी चाहिए।

1 comment:

  1. इसमें इकाई योजना के उद्देश्यों का भी समावेश करें।
    🙏🏻

    अन्य संपूर्ण जानकारी अत्यंत आवश्यक और सहयोग पूर्ण है।🙂👌

    ReplyDelete